अंतरिक्ष युद्धम 6
राज की सुबह और अनजान अज्ञात रोशनी
शीला देवी किचन में अदरक वाली चाय बना रही थी। पूजा स्कूल जाने को तैयार थी बस उसके बाल समेटने वाले बाकी थे। राज अभी भी सो रहा था, उसके कॉलेज स्टडी तो खत्म हो चुकी थी इसलिए उसे कहीं भी आने-जाने की कोई टेंशन नहीं थी। आज 10:00 बजे उसके जॉब का एक इंटरव्यू था पर उसमें भी बहुत टाइम बचा है। किचन में चाय बनाने के बाद शीला देवी ने जल्दी जल्दी से पहले पूजा को चाय दी और फिर राज के लिए चाय लेकर उसके कमरे में चली गई। राज को जगाया और उसे चाय पीने को कहा। एक लंबी अंगड़ाई लेकर राज ने अपनी आंखें मसली। उसकी सुबह सुबह उठने की कोई इच्छा नहीं थी पर जब मां ने धक्के से उठा ही दिया तो वह क्या कर सकता था। जैसे ही चाय खत्म हुई वह शौवर के लिए बाथरूम में चला गया। गरम पानी के शौवर में उसके दिमाग को शांति मिल रही थी। शोवर लेने के बाद उसने घड़ी में टाइम देखा, 8:30 हो गए थे। फिर उसने कोट पेंट और काले रंग की जूते निकाले। पहनते पहनते 9:00 बज गए। इसके बाद वह बाहर अपने इंटरव्यू के लिए निकल गया। बाहर जब वह इंटरव्यू के लिए जा रहा था तब उसे सामने से स्नेहा भी आते हुए दिखी। वह अपनी स्कूटी में कुछ किताबें डाल रही थी। राज ने बिना उससे नजरें मिलाए अपनी बाइक स्टार्ट की और उसके सामने से निकल गया। स्नेहा ने उसे बाइक से जाते हुए देख लिया था पर राज इतनी तेजी से निकला था की उन दोनों की आपस में नजरें ही नहीं मिली।
एक लंबा हाईवे सीधे शहर को समंदर के रास्ते से गोवा की और जोड़ता था। यह हाईवे वलय आकार में निर्मित था जिसका एक चौथाई हिस्सा जमीन पर था। दोनों और वाहनों के आने और जाने की व्यवस्था थी। इसके अतिरिक्त एक साइड लाइन भी थी जो उन यात्रियों के लिए थी जो पैदल यहां घूमने आते थे। राज बिल्कुल सड़क के किनारे से जा रहा था। बिना इस बात की फिक्र किए कि आगे क्या होने वाला है। दवाइयों के असर के कारण उसे किसी भी तरह का पीठ दर्द महसूस नहीं हो रहा था, पर चीप और उससे निकलने वाले रेडिएशन का कुछ कहा नहीं जा सकता था। हो सकता है वह इस वक्त भी उसके शरीर से निकल रहे हो। अचानक बाइक चलाते चलाते राज की नजर आसमान की तरफ गई । काफी सारे फाइटर प्लेन हवा में घूम रहे थे। गोवा में आज से पहले उसने कभी इतने फाइटर प्लेन को इस तरह से उड़ता हुआ नहीं देखा था, एक बार तो वह अचंभे में आया आखिर प्लेनस आज यहां क्यों। अभी तो युद्ध का माहौल भी नहीं, अन्यथा कहा जा सकता था कि इन फाइटर प्लेनों को यहां पाकिस्तान से आने वाले जहाजों को डिस्ट्रॉय करने के लिए रखा गया है। कुछ देर जहाजों को देखने के बाद वह वापिस सड़क पर सामने की तरफ देखने लगा।
इसी दौरान राज ने एक और बात पर ध्यान दिया। सामने से गाड़ियों के आने की संख्या लगातार कम होती जा रही थी। हाईवे हमेशा गाड़ियों से भरा रहता था लेकिन आज यहां गाड़ियों की संख्या कम है।
अगले कुछ समय तक राज अपनी निर्धारित गति से चलता रहा। उसके मोटरसाइकिल के आगे की तरफ लगा मीटर 50 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड दिखा रहा था। युहाडां की यह खास बाइक 150 किलोमीटर तक की स्पीड पकड़ सकती थी पर राज को इसे धीमी गति पर ही चलाने की ही आदत थी। तकरीबन 10 मिनट के सफर के बाद आगे से आने वाले साधन बिल्कुल बंद हो चुके थे। अब उसे कोई भी गाड़ी अपनी और आते हुए नहीं दिख रही थी। आसमान में उड़ने वाले फाइटर प्लेन भी धीरे-धीरे कम हो रहे थे। "यह क्या हो रहा है...??" राज ने अपनी बाइक की स्पीड कम की और उसे सड़क के बीचो-बीच रोक लिया। फोर लाइन वाले हाईवे पर वह अकेला ही खड़ा था। नीचे समंदर का पानी था तो ऊपर नीला आसमान। आगे और पीछे लंबी काली सड़क थी। पीछे से आने वाली गाड़ियां भी वापस मुड़ चुकी थी जबकि राज ने उन पर ध्यान ही नहीं दिया। बाइक खड़ी करने के बाद राज उस से उतरा और उतर कर सड़क पर आ गया। धीमी चाल से कुछ कदम आगे बढ़ते हुए उसने सामने आसमान को देखा। आसमान में कुछ था जो उसे दिखाई दे रहा था........ एक सफेद चमकती रोशनी।
UFO का हाईवे तक पहुंचना
चौपर को बेंगलुरु से गोवा पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। इसरो स्टेशन से मिलने वाला डाटा लगातार उन्हें मिल रहा था। डाटा मिलने के बाद वही हुआ जिसका शक था। एक एलियन शिप गोवा की ओर बढ़ रही थी, किसी को भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था। होता भी कैसे, यह एक ऐसी बात थी जिसे आज से पहले सिर्फ कपोर कल्पना समझा जाता था। एलियन होने की संभावना तो दूर उनके वजूद पर भी प्रश्नवाचक चिन्ह था। मिशा की घबराहट भी लगातार बढ़ती जा रही थी। फिर उन्हें सूचना मिली की फाइटर प्लेंन के कुछ पायलट ने उन्हें हवा में देखा । उसके बाद फाइटर प्लेंनस से आने वाले सिग्नल बंद हो गए, या तो उन फाइटर प्लेंस का कनेक्शन कट गया, या फिर उन्हें एलियंस शिप ने खत्म कर दिया। अचानक ही उन्हें दुसरी सूचना मिली जिसमें कहा गया प्रधानमंत्री ने उस एलियन शिप को खत्म करने के लिए समुद्री जहाजों का एक बेड़ा गोवा की तरफ रवाना कर दिया। उसमें न्यूक्लियर मिसाइल सिस्टम भी मौजूद है, जरूरत पड़ी तो न्यूक्लियर मिसाइल से हमला करके स्पेसशिप को खत्म भी किया जा सकता है। गोवा पहुंचते ही चौपर को सामने के कई दृश्य साफ दिखाई दे रहे थें। पानी में बहते फाइटर प्लेंनस के कुछ टुकड़े, फिर दूर कुछ अंधेरे बादल जिनके ऊपर बिजली चमक रही थी। वहां एक रोशनी भी थी जिसकी चमक सबसे ज्यादा थी। कुछ फाइटर प्लेन उस रोशनी के इर्द-गिर्द घूमने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि यह नहीं दिख रहा था उस रोशनी में क्या है क्या नहीं?? अगर एलियन शिप होने की संभावना है तब वहां जरूर बादलों की ओट में छिपी एलियन शिप होगी। स्थिति से अनजान उन एलियंस को यह भी नहीं पता होगा कि इस चीज ने उन्हें छुपाने की बजाय बहुत ज्यादा हाईलाइट कर दिया था।
चॉपर इस दृश्य से ज्यादा दूर नहीं था और वह लगातार उसके पास जाने की कोशिश कर रहा था। मिस्टर रावत ने पायलट को उसे दूर रहने के लिए कहा, जिसके बाद पायलट ने चौपर को घुमाकर दूसरी तरफ कर लिया। लेकिन इस हरकत में बिजली की एक तरंग चोपर के पंखे से टकरा गई और चॉपर हवा में ढोलने लगा।
"सर हम लोग नीचे गिर रहे हैं... हमें जल्दी से जल्दी लेंडिंग करनी होगी" पायलट हड़बड़ाहट में बोला, वह चौपर को संभालने की कोशिश कर रहा था।
मिस्टर रावत ने नीचे की तरफ देखा, वहां हाईवे दिख रहा था। "इसे उस हाईवे पर उतार लो..." मिस्टर रावत ने कहा और पायलट को भी हाईवे की तरफ देखने को कहा।
हाइवे दिखते ही पायलट ने चोपर उस तरफ कर लिया, हालांकि इन परिस्थितियों में चौपर संभालना मुश्किल हो रहा था पर वह जैसे तैसे कर चौपर को सुरक्षित हाईवे पर उतारने की कोशिश में लगा था।
चीजें तेजी से बदलने लगी, अचानक हवा का झोंका आया और चॉपर को दूसरी तरफ ले गया। वैसे वह हाईवे पर ही था लेकिन थोड़ा दूर। चमक रही रोशनी और उसके आसपास का काला साया भी हाईवे की ओर ही आ रहा था। राज भी इस और था पर वह काले साए के आगे था। मतलब मिस्टर रावत और मिशा काले साए के पीछे एवं राज उसके आगे। उन दोनों के बीच में ही काला सायां नीचे उतर रहा था।
चौपर हाईवे पर लेड होता होता क्रैश लैंडिंग कर गया। मिशा और मिस्टर रावत जल्दी से बाहर निकले, पायलट भी बाहर निकलकर चौपर से दूर जाने लगा। उसमें आग लग चुकी थी जिस कारण जल्द ही धमाका हो सकता था। जैसे ही वह लोग चौपर से एक सुरक्षित दूरी पर आए चौपर में एक जबरदस्त धमाका हुआ और उसके पुर्जे हवा में फैल गए। मिशा और मिस्टर रावत ने जमीन पर लेटकर खुद को चौपर के टुकड़ों से बचाया। चारों और तेज हवा चल रही थी, मिशा के बाल हवा में उड़ रहे थे जो उससे बिल्कुल नहीं संभल रहे थे। हवा इतनी तेज थी कि उसके धक्के इंसान को भी पीछे कर रहे थे। उनके ठीक सामने काले साएं के अंदर लिपटी सफेद रोशनी धीरे-धीरे हाईवे पर उतर रही थी। नीचे उतरने के साथ साथ उसके आसपास का काला साया भी कम हो रहा था। इससे एक आकृति भी उभरकर उनके सामने आ रही थी। कॉफी कलर की एक प्लेट, कुछ ऐसा ही आकार था उस स्पेस शिप का जो उन्हें दिखाई दे रहा था। वह लकड़ी के पट्टे की तरह बिल्कुल सपाट थी, उसके ऊपर स्टार की तरह दिखने वाला एक मारका लगा हुआ था जो डायमंड की तरह चमक रहा था। शायद वातावरण में सफेद रोशनी का सोर्स वही था। नीचे से उसका आकार मिश्र के पिरामिडों की तरह था, वो नीचे से चौड़ा और ऊपर होता होता तिरछा हो रहा था।
वहीं राज को इसके विपरीत अलग ही दृश्य दिख रहे थे। वह स्पेशशिप के उस हिस्से की ओर था जो शायद सामने वाला हिस्सा लग रहा था। राज के साथ घटनाएं भी कुछ अलग ही घटित हुई थी। जब वह स्पेसशिप उसके सामने की ओर उतर रही थी तब उसे भी पहले काला सायां और उसके बीच की सफेद रोशनी दिखाई दी। फिर धीरे-धीरे काला साया कम होने लगा और सफेद रोशनी दिखाई देने लगी। जब रोशनी हटी तभी उसे स्पेसशिप का दृश्य दिखाई दिया। स्पेसशिप देखते ही उसके तो होश ही ठिकाने नहीं रहे थें, ना तो उसे पीछे खड़ी अपनी बाइक का ख्याल आया ना ही आसपास ऊपर उठती समुंदर की लहरों का। वह बस उस स्पेसशिप को नीचे उतरता ही देखता रहा। सामने की तरफ खिड़की के दो पलकों जैसा सीन था। उनका रंग भी कॉफी कलर का था। ऊपर की तरफ कुछ उभरी हुई आकृतियां थी जो किसी तरह की बंदूक या मिसाइल लांचर पैड लग रहे थे। उनके ठीक नीचे लाल रंग के बटन थे, मुख्य तौर पर उनकी तुलना कांच के शीशों से की जा सकती है जो शायद एलियन बाहर का दृश्य देखने के लिए उपयोग करते हैं। धीरे धीरे स्पेसशिप का दरवाजा खुलने लगा और एक बड़ा सा हिस्सा नीचे की तरफ बाहर निकला। राज संभल कर बाइक के पीछे हो गया। वहीं से वो सामने के खुलते हुए दरवाजे को देख रहा था। उसे वहां से जो दृश्य दिख रहे थे उसमें सिर्फ इतना ही था कि दरवाजा खुलते वक्त आसपास धुआं निकल रहा था जिसके अंदर लाल रंग की रोशनी चमक रही थी।
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Fiza Tanvi
20-Nov-2021 01:05 PM
Good
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Angela
01-Sep-2021 10:47 AM
Superb
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Miss Lipsa
30-Aug-2021 08:45 AM
Kyaa baaat haii...!!
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